भारत में पहली ट्रेन कब और कहां चली? : क्या आप इस प्रश्न “भारत में पहली ट्रेन कब और कहां चली | भारत में पहली ट्रेन कब चली” का जवाब खोज रहे हैं? अगर हाँ, तो इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी मिलेगी।
भारत में पहली ट्रेन कब चली?
भारत की पहली यात्री ट्रेन को “द फर्स्ट ट्रेन” या “ट्रेन 0” कहा जाता था। इसका अधिकारिक नाम ‘Queen Merry’ था। यह 16 अप्रैल, 1853 को मुंबई और ठाणे में बोरी बन्दर (अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के रूप में जाना जाता है) के बीच चलती थी। ट्रेन को उस समय भारत के ब्रिटिश गवर्नर-जनरल लॉर्ड डलहौज़ी ने झंडी दिखाकर रवाना किया था और इसने लगभग 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी।
ट्रेन में 14 रेलवे डिब्बे थे और साहिब, सिंध और सुल्तान नामक तीन भाप इंजनों द्वारा संचालित थे। लगभग 40 किमी/घंटा की अधिकतम गति के साथ, ट्रेन को मुंबई और ठाणे के बीच की दूरी को कवर करने में लगभग 1 घंटा 15 मिनट का समय लगा।
विशाल भारतीय उपमहाद्वीप में सैनिकों और सामानों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए 19वीं शताब्दी की शुरुआत में अंग्रेजों द्वारा भारत में एक रेलवे लाइन बनाने का विचार प्रस्तावित किया गया था। पहली रेलवे लाइन का निर्माण 1837 में मद्रास (अब चेन्नई) में रेड हिल्स और चिंताद्रिपेट के बीच किया गया था, लेकिन इसका मुख्य रूप से निर्माण सामग्री के परिवहन के लिए उपयोग किया जाता था।
भारत की पहली यात्री ट्रेन की सफलता ने पूरे देश में रेलवे का तेजी से विस्तार किया और 19वीं शताब्दी के अंत तक, भारत के पास दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक था। आज, भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है, जो 67,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करता है और हर दिन लाखों यात्रियों और टन माल को ढोता है।
भारत में पहली ट्रेन कब और कहां चली?
भारत में पहली ट्रेन 1853 में चली थी। यह ट्रेन मुंबई (बंबई) से ठाणे तक का मार्ग तय करती थी। इस ट्रेन का नाम ‘Queen Merry’ था। ट्रेन को “एसएस व्यापी” नामक इंजन द्वारा चलाया जाता था और इसमें 14 कोच (रेलवे डिब्बे) थे। इस ट्रेन से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय की थी।
इस ट्रेन का उद्घाटन 16 अप्रैल, 1853 को ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौसी द्वारा किया गया था। इस दिन को आज भी “भारतीय रेल दिवस” के रूप में मनाया जाता है।