रूस ने गुरुवार को कहा कि वह अगले सप्ताह अपने विवादास्पद कोरोना वायरस वैक्सीन “Sputnik V” के परीक्षण शुरू करेगा, जिसमें हजारों लोग शामिल होंगे।

Russia to test Sputnik-V vaccine on 40000 people
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि रूस एक कोरोनो वायरस वैक्सीन पंजीकृत करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है, हालांकि इस घोषणा को दुनिया भर के वैज्ञानिकों और विश्व स्वास्थ्य संगठन का साथ नही मिला था और सभी ने कहा था कि वैक्सीन “Sputnik V” को अभी भी एक कठोर सुरक्षा समीक्षा की आवश्यकता है।
रूस का सोवेरन वेल्थ फंड जो वैक्सीन परियोजना को वित्तपोषित करता है, ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि “स्पूतनिक वी वैक्सीन की प्रतिरक्षा और सुरक्षा” परीक्षण अगले सप्ताह शुरू होगा जिसमें 40,000 से अधिक लोग शामिल होंगे। इसने कहा कि यह परीक्षण फेज 3 परीक्षणों के बराबर होगा।
रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के प्रमुख, किरिल दिमित्रिवाव ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में बताया कि चिकित्सा कर्मियों सहित जोखिम वाले समूहों का टीकाकरण अगले सप्ताह स्वैच्छिक आधार पर शुरू होगा।
उन्होंने कहा कि 20 से अधिक देशों ने वैक्सीन की एक अरब से अधिक खुराक खरीदने का अनुरोध किया है, उन्होंने कहा कि रूस ने इसे बनाने के लिए कई देशों के साथ समझौते किए हैं।
उन्होंने कहा कि रूस में सामूहिक टीकाकरण अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है और नवंबर या दिसंबर में पहली विदेशी डिलीवरी होने की संभावना है।
आपको बता दें की रूस ने दुनिया की इस पहली और विवादित कोरोना वैक्सीन को 1950 के दशक के सोवियत उपग्रह के नाम पर वैक्सीन का नाम ‘Sputnik V’ रूस में बहुत धूमधाम के साथ घोषित किया गया था, लेकिन पश्चिमी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि मॉस्को बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, इसके गंभीर परिणमा हो सकते हैं।
दमित्रीयेव ने कहा इस वैक्सीन के प्रति दुनिया का नजरिया अब बदल रहा है
उन्होंने कहा – हमने अब WHO में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा है। पहले उन्हें इस रूसी कोरोना वैक्सीन की पर्याप्त जानकारी नहीं थी, अब आधिकारिक जानकारी भेज दी गई है और वे इसका मूल्यांकन कर रहे हैं।
लेकिन उन्होंने कहा “हम WHO की मंजूरी के बिना रूसी टीका को मंजूरी देने के लिए अपने देश नियामकों के लिए कोई बाधा नहीं आने देंगे।
रूस में गुरुवार तक कोरोनो वायरस संक्रमणों के पुष्टि मामलों की संख्या 9,42,000 से अधिक हो चुकी है। संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और भारत के बाद चौथी सबसे बड़ी कोरोना वायरस संक्रमणों की संख्या रूस में ही है। रूस में अभी तक 16,000 से अधिक मौतें हुई हैं।