Breaking News in Hindi : सरकार सितंबर से स्कूलों को फिर से खोलने की योजना तैयार कर रही है – राज्यों में कन्फ़्यूजन, सितंबर से स्कूल खोलने के खिलाफ माता-पिता

अभिभावक, बच्चे और यहाँ तक की स्कूल प्रशासन भी यह जानना चाहते हैं की स्कूल कब से शुरू होंगे ? लेकिन अभी स्कूल खोलने पर अनिश्चितता बनी हुई है। कोरोनो वायरस महामारी शुरू होने के छह महीने बाद, अब स्कूलों को फिर से शुरू करने की प्लानिंग की जा रही है।
सरकार सितंबर से स्कूल खोलने पर विचार-विमर्श कर रही है – Breaking News in Hindi
अगस्त के महीने में, भारत में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं। केवल 9 दिनों में ही भारत में कोरोना मरीज़ों की संख्या 15 लाख से 20 लाख पहुँच गई है। इसी बीच केंद्र सरकार सितंबर के महीने से स्कूलों को फिर से खोलने की योजना तैयार करने के लिए चर्चा में है।
सरकार का मानना है कि उच्च कक्षाओं के लिए स्कूल चरणबद्ध तरीके से सितंबर से नवंबर के बीच शुरू हो सकते हैं।
सरकार के दिशानिर्देश में कक्षा 10 से 12 के लिए स्कूल पहले खोलने का प्लान है। इसके कुछ समय बाद फिर कक्षा 6 से 9 तक के लिए स्कूल खोले जाएँगे। इसी विषय पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की अध्यक्षता में चर्चा की गई।
पहले चरण में कक्षा 10 और 12 के छात्रों को स्कूलों में आने के लिए कहा जाएगा। यदि किसी स्कूल में किसी भी कक्षा में चार सेक्शन हैं, तो एक दिन में केवल दो सेक्शन को विद्यालय बुलाया जाएगा यानी एक दिन दो सेक्शन की क्लास लगेगी और दूसरे दिन अगले दो सेक्शन की क्लास लगेगी।
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स्कूल का समय भी आधा करने का विचार किया जा रहा है। यानी 5-6 घंटे से सिर्फ 2-3 घंटे के लिए ही स्कूल खोला जाएगा। स्कूल शिफ्टों में चलेंगे, लेकिन दो शिफ़्टों के बीच एक घंटे का समय स्कूल की साफ सफ़ाई में उपयोग किया जाएगा।
सभी स्कूलों को 33% कर्मचारियों और 33% छात्रो के साथ खोलने का प्रस्ताव दिया गया है।
सचिव के समूह के बीच हुई चर्चा से संकेत मिलता है कि सरकार को लगता है कि स्कूल खोलना प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए अच्छा विकल्प नही होगा। ऐसे मामलों में ऑनलाइन अध्ययन जारी रहना चाहिए।
स्कूल खोलने के सरकार के फैसले की घोषणा इस महीने के आख़िर में अंतिम अनलॉक दिशानिर्देशों के साथ की जा सकती है। हालाँकि स्कूल खोलने का अंतिम निर्णय राज्यों के ऊपर छोड़ा जा सकता है, ताकि वो राज्य की स्तिथि देख कर स्कूल खोलने का सही फ़ैसला ले सकें। यह ज़िम्मेदारी भी राज्यों को दी जाएगी की बच्चों को स्कूलों में वापस कैसे लाया जाए।
स्कूल खोलने के लिए राज्यों की क्या प्लानिंग है ? – Breaking News in Hindi School Re-Open
पिछले हफ्ते सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों को लिखे पत्र में, मंत्रालय ने उन्हें निर्देश दिया कि वे अभिभावकों से स्कूल फिर से खोले जाने के बारे में उनकी प्रतिक्रिया जानें। साथ ही ये भी जानें की स्कूलों को फिर से चालू करने के लिए उनके पास क्या सुझाव हैं।
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कौन सा राज्य कब से स्कूल खोलना चाहते हैं : Breaking News in Hindi School Re-Open
राज्यों ने मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार अपना आकलन प्रस्तुत कर दिया है। अब उन्हें लगता है कि स्कूल फिर से खुल सकते हैं। लेकिन हर राज्य ने स्कूल फिर से खोलने के बारे में अलग अलग राय दी है, उन्होंने अलग अलग तारीखें बताई हैं, नीचे देखें कौन सा राज्य कब से स्कूल खोलना चाहता है :
- दिल्ली – अगस्त
- हरियाणा – 15 अगस्त
- आंध्र प्रदेश – 5 सितंबर (परिवर्तनीय – तारीख को बदला जा सकता है)
- कर्नाटक- 1 सितंबर
- राजस्थान – सितंबर
- केरल – 31 अगस्त
- असम – 1 सितंबर (परिवर्तनीय – तारीख को बदला जा सकता है)
- बिहार – 15 अगस्त
- लद्दाख – 31 अगस्त
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने स्कूल खोलने के बारे में अभी कोई निर्णय नही लिया है।
जिन राज्यों में कोरोना के कम मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे राज्य अगस्त से सितंबर के बीच स्कूलों को फिर से खोलने के लिए तैयार हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने अभी भी कोई फैसला नही लिया है।
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दिल्ली और हरियाणा ने 15 अगस्त के बाद स्कूलों को फिर से खोलने का प्रस्ताव दिया है। जम्मू-कश्मीर ने कहा कि वे गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार काम करेंगे।
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा है कि भले ही उन्हें खुशी हो कि मामलों की संख्या कम हो गई है, फिर भी वे वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए सितंबर तक फिर से स्कूल खोलने पर विचार नहीं करने जा रहे हैं। राज्य के भीतर इस मुद्दे पर कोई भी चर्चा सितंबर के बाद ही होगी।
माता-पिता को डर – Breaking News in Hindi School Re-Open
भारत में कई माता-पिता सितंबर से स्कूल खोलने के विचार से डरे हुए हैं। क्योंकि देश में कोरोनो वायरस के मामलों में वृद्धि जारी है।
अभिभावक अमित गुप्ता जिनके बेटे राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं, ने कहा, “मैं अपने बेटे को स्कूल नही भेजने वाला, भले ही सरकार माता-पिता की चिंताओं को दूर करने के लिए कुछ भी करें। स्कूल से एक साल का ब्रेक उनकी जिंदगी को जोखिम में डालने से बेहतर है।
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बच्चों की सेहत को जोखिम में डालना मेट्रो शहरों में अधिकांश माता-पिता की प्रमुख आशंकाओं में से एक रहा है।
इस महीने के अंत में जारी किए जाने वाले अंतिम अनलॉक दिशानिर्देशों के साथ शायद सरकार स्कूलों को फिर से खोलने के अपने आदेश को अधिसूचित कर सकती है।
स्कूल खोलने के बारे में वैश्विक परिदृश्य क्या है? – Breaking News in Hindi School Re-Open
सरकार का कहना है कि उसने स्विट्जरलैंड जैसे देशों में फिर से खुले स्कूलों में देखा है, वहाँ कोरोना मामलों की बढ़ोतरी नही हो रही है। हालांकि, इजरायल जैसे देशों में जहां स्कूलों को फिर से खोला गया है, वहां मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है।
इज़राइल ने मई के महीने में स्कूलों को फिर से खोल दिया था, लेकिन अंततः 240 से अधिक स्कूलों को बंद कर दिया और 22520 से अधिक शिक्षकों और छात्रों को घर में बैठा दिया।
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इसके बाद इज़राइल में जब जून के अंत में स्कूल का शैक्षिक वर्ष समाप्त हुआ, तो मंत्रालय ने कहा 977 विद्यार्थियों और शिक्षक कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे।
संयुक्त राज्य अमेरिका स्कूलों को पूरी तरह से फिर से खोलने के लिए जनता के दबावों का सामना कर रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन जिलों से शिक्षा का फ़ंड वापस लेने की धमकी दी थी, जो स्कूल फिर से नहीं खोलेंगे। लेकिन इंडियाना में एक स्कूल को फिर से खोलने के कुछ घंटों बाद, एक बच्चे की कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आई थी इससे स्कूल प्रशासन को चौकन्ना होना पड़ा।