Matangeshwar Mahadev Mandir : खजुराहो का मतंगेश्वर महादेव मंदिर, शिव-पार्वती का यहीं हुआ था विवाह

Matangeshwar Mahadev Mandir (मतंगेश्वर महादेव मंदिर) : पौराणिक कथाओं के अनुसार खजुराहो में बना मतंगेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव की मरकत मणि पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि करीब 19 फुट ऊंचा यह शिवलिंग जमीन के भीतर 9 फुट और ऊपर की तरफ 10 फुट का है और मरकत नामक मणि के ऊपर बना है। ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग की लंबाई हर साल शरद पूर्णिमा को अपने आप बढ़ जाती है और यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। यहाँ पर मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले के खजुराहो में स्थित मतंगेश्वर महादेव मंदिर (Matangeshwar Mahadev Mandir) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

यह मंदिर 9वीं शताब्दी में चंदेल वंश के राजाओं ने बनवाया था। इस मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व की तरफ है और गर्भगृह चौरस है। मंदिर में गर्भगृह से पहले गणेश प्रतिमा स्थापित है। इसके गर्भगृह में काफी बड़ा शिवलिंग स्थापित है। मतंगेश्वर महादेव मंदिर में कार्तिकेय भगवान और मां पार्वती भी स्थापित हैं।

ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के पास जो मरकत मणि थी उसे उन्होंने सत्यनिष्ठ युधिष्ठिर को प्रसन्न होकर दिया था। युधिष्ठिर ने संन्यास लेने के बाद इस मणि को मतंग ऋषि को सौंप दिया था। मतंग ऋषि से होते हुए मरकत मणि राजा हर्षवर्मन के पास पहुँची।

मरकत मणि की सुरक्षा के लिए उसे खजुराहो के इसी विशाल शिवलिंग के नीचे दबा दिया गया था। तब से लेकर अभी तक ये मणि शिवलिंग के नीचे ही स्थित है और अपनी ऊर्जा से भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करती है। पुराणों के अनुसार मतंग ऋषि की मणि की वजह से ही इस शिवलिंग का नाम मतंगेश्वर महादेव शिवलिंग रखा गया था।

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, इस मंदिर को महाभारत काल से भी पहले का माना जाता है। चंदेल के राजा शिव भक्त ‘चंद्रदेव’ ने अपने राज्य की सुरक्षा के लिए मणि के ऊपर इस शिवलिंग को बनवाया था।

Leave a Reply