Satna News (सतना समाचार) रिपोर्ट : आप सबको पता होगा की हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसी अवसर पर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सतना में स्थित कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी केपी सोनी ने लोगों से ख़ास अपील की है। इस साल की पर्यावरण दिवस की थीम ‘इकोसिस्टम रेस्टोरेशन’ है।
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के लिए मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सतना ने जिले के लोगों से अपील की है, कि प्रकृति का सरंक्षण कर सभी लोग जैव विविधता को बढ़ावा दें। सभी लोगों को जन्तु एवं वनस्पतियों को सरंक्षण देना चाहिए।
साथ ही जितना हो सके प्राकृतिक संसाधनों की खपत को कम करने की कोशिश करें। प्लास्टिक का उपयोग कम करें और जिन प्रोडक्ट्स को पुनःउपयोग किया जा सकता है, उन्हें फिर से उपयगो में लें ताकि प्रदूषण घटाने में मदद मिल सके।

घर से जो कूडा-कचरा निकलता है, उसे इधर-उधर ना फेकें और ना ही जलाएँ बल्कि कचरा उठाने के लिए नगर निगम द्वारा गाड़ी भेजी जाती है, उसमें डालें और जितना हो सके कम से कम कचरा करने की कोशिश करें।
नगर निगम की गाड़ी में घर से निकलने वाले कचरे को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके डालें या फिर नगर निगम या परिषद द्वारा निर्धारित कुछ स्थानों पर हीं डालें। अपने आस पास स्थित प्राकृतिक स्त्रोतों जैसे नदी, नालों, कुओं, तालाबों आदि के पानी को गंदा न करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
अस्तपताल एवं नर्सिंग होम से निकलने वाले खचरे को अलग रखें तथा निर्धारित रूल के अनुसार निष्पादन के लिए भेजें। सभी हॉस्पिटल और अन्य संस्थाएँ कोविड-19 की जाँच से उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट कचरे को CPCB द्वारा जारी गाइडलाइन और रूल एक अनुसार निष्पादन हेतु भेजें इधर-उधर ना फेकें।
सतना ज़िला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों से ये भी अपील की है कि जितना हो सके प्लास्टिक थैलियों की जगह कपडा, जूट या फिर कागज से बने थैलों का इस्तेमाल करें।
ज़िला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ये भी अपील है कि आम जनता खाली पड़ी ज़मीन पर ज़्यादा से ज़्यादा वृक्षारोपण करने की कोशिश करें, क्योंकि पेड़ वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करने के साथ शीतल छांव और जीवन के लिए प्राण वायु ऑक्सिजन देते हैं। पेड़ होने से वातावरण का तापमान नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।
डीज़ल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये अपने वाहनों की समय-समय पर जांच करवा आवश्यकतानुसार मेंटीनेंस करवायें ताकि प्रदूषण कम हो सके। साथ ही ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिये धार्मिक स्थानों और अन्य अवसरों पर कम आवाज़ करने वाले साधनों का इस्तेमाल करें और ज़रूरत ना हो तो इनका इस्तेमाल ना करें। क्योंकि ध्वनि प्रदूषण से मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत ज़्यादा प्रभाव पड़ता है।
सतना में स्थित सभी डेयरी और गोशालाओं से निकलने वाले अपशिष्ट को पर्यावरणीय नियमों के अनुसार निस्तारण करना चाहिए। साथ ही गोबर गैस और जैविक खाद बनाने का भी प्रयास किया जाना चाहिए।
ई-वेस्ट जिसके अन्तर्गत – टी.वी., कम्प्यूटर और मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आते हैं इन सबको को ख़राब हो जाने पर इधर उधर ना फेंखे बल्कि सरकार द्वारा अधिकृत सेन्टर में बेच दें ताकि उनका सही से निष्पादन हो सके। बैटरियों का प्रबंधन म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियम के तहत डीलर, सप्लायर या फिर रिसाइक्लर के माध्यम से निस्पादन करने के लिए भेजें।
बढ़ता हुआ प्रदूषण इस पृथ्वी के समस्त जीवों के अस्तित्व के लिए बहुत बड़ा खतरा बन कर सामने आया है, अगर समय रहते इसे रोका नही गया तो सभी जीवों का अस्तित्व ख़त्म हो सकता है। इसलिए प्रदूषण रोकने के लिए हम सबको प्रयास करना चाहिए और अपना योगदान देना चाहिए।
Web Title : Satna News – Appeal of Satna District Pollution Control Board to the people on World Environment Day.