Satna News (सतना समाचार) : नगरीय निकायों में जल कर एवं उपभोक्ता प्रभार की दरों में वृद्धि स्थगित किए जाने की घोषणा नगरीय विकास एवं आवास मंत्री द्वारा भले ही की गई हो पर इसका लाभ शहरवासिवों को मिलेगा या नहीं इस पर असमंजस की स्थित बनी गई है।
दरअसल मंत्री की इस घोषणा से सम्बंधित कोई भी पत्र नगरीय निकायों को जारी नहीं किया गया है। फिलहाल नगर निगम सतना में तो ऐसा कोई पत्र नहीं आया है। इस बीच नगरीय क्षेत्र में सम्पत्तिकर की दरों के निर्धारण के सम्बंध में पिछले माह एक संकल्प पारित हो चुका है। इस संकल्प के विरूद्ध आपत्तियां दर्ज कराने के लिए तीस दिनों का समय दिया गया था।

यह समय सीमा सात अप्रैल को पूर्ण हो रही है। इस दौरान अपत्तियां नहीं आने पर प्रस्तावित दरें अपने आप लागू मानी जाएंगी। नई दरों में कचरा कलेक्शन का चार्ज और जल कर बढ़ाए जाने की तैयारी है।
चार मार्च को पारित हो चुका है संकल्प
नगर निगम क्षेत्र के अत॑र्गत सम्पत्ति कर गणना के लिए निगम क्षेत्र का वर्गीकरण, परिक्षेत्रों की दरें, सम्पत्तिकर की दरें, सत्पत्तिकर से संलग्न अन्य करें प्रभारों का निर्धारण, स्वानिर्धारण की अंतिम तारीख, अंतिम तारीख पूर्व भुगतान पर छूट, अधिभार प्रक्रिया शुल्क के निर्धारण का संकल्प निगम के प्रशासक के आदेश पर चार मार्च को परित हो चुका है।
नई दरें लागू होने के शुरू होगा बयानों का दौर
अक्सर देखा गया है कि नगर निगम के द्वारा सम्पत्ति कर की दरों का निर्धारण कर दिए जाने के बाद ही शहर के जन प्रतिनिधि, समाज सेवी व व्यापारिक संगठन सक्रिय होते हैं। उसके बाद शुरू होता है उनके बयानों का दौर तब तक शहरवासियों पर आर्थिक बोझ पड़ चुका होता है। अब देखना यह है कि दरों के निर्धारण के संबंध में निगम द्वारा बुलाई गई आपत्तियों पर कितने लोग संज्ञान लेते हैं।
जल कर में हो सकती है बढ़ोतरी
जल कर के रूप में उपभोक्ताओं से हर माह 150 रुपए का शुल्क लिया जाता है। सूत्रों की मानें तो अमृत व जलावर्धन योजना में आए खर्च के हिसाब से जलकर में भी वृद्धि का प्रस्ताव है।
बताया जाता है कि सम्पत्ति कर का तीन प्रतिशत जल उपभोक्ता प्रभार लिया जाता है। निगम की प्रस्तावित सम्पत्ति कर की दरों में जल उपभोक्ता प्रभार में तो कोई दृद्धि प्रस्तावित नहीं है, लेकिन जल कर में वृद्धि का प्रस्ताव है।
यदि ऐसा हुआ तो जल कर जो अभी 150 रुपए हर माह लिया जा रहा है, उसकी राशि बढ़कर 400 से 500 रुपए के करीब हर माह हो जाएगी। यहां उल्लेखनीय है, कि नगर पालिका अधिनियम 956 की धारा 32 में नगर निगम को कर अधिरोपित करने का अधिकार है।
अभी 360 रुपए सालाना कचरा कलेक्शन
नई सम्पत्ति कर की दरों के लिए संकल्प नगर निगम के प्रशासक के पास भेजा जा चुका है। इस पर निगम के प्रशासक व कलेक्टर 7 अप्रैल के बाद कभी भी कोई फैसला ले सकते हैं।
नए संकल्प में जो बड़ी बात सामने आ रही है, इसमें कचरा कलेक्शन का उपभोक्ता प्रभार जो अभी तक सालाना 360 रुपए लग रहा था, उसके बढकर 1 हजार से 1200 रुपए होने का अनुमान है। बताया जाता है कि कचरा संग्रहण व उठाव में सालाना आने वाले खर्च के हिसाब से यह उपभोक्ता प्रभार तय किया जाएणा।
अभी तक नहीं आई एक भी आपत्ति
सम्पत्ति कर के स्वानिर्धारण के लिए सम्पत्ति मूल्य के निर्धारण के लिए नगर निगम ने बकायदा 7 मार्च को एक विज्ञापन प्रकाशित कर प्रस्तावित दरों के संबंध में 30 दिनों के अंदर लिखित में आपत्ति मंगाई थी। साथ ही यह भी कहा था कि 30 दिन में आपत्ति नहीं आने पर निर्धारित दरें व शर्ते स्वय॑ प्रभावशील मानी जाएंगी। लेकिन अभी तक एक भी आपत्ति निगम के कार्यालय तक नहीं पहुंची है।
नहीं आया कोई विभागीय पत्र
नगरीय निकायों में जल कर एवं उपभोक्ता प्रभार की दरों में वृद्धि स्थगित किए जाने की घोषणा नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बीते दिनों करते हुए बताया है, कि उपभोक्ता प्रभार की दरों में वृद्धि तत्काल स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मध्यप्रदेश नगर पालिका (जल प्रदाय, मल-जल तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं के लिए उपभोक्ता प्रभार) नियम के अंतर्गत उपभोक्ता प्रभार की दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। इसके बावजूद अभी तक इस सम्बंध में नगर निगम सतना में कोई भी विभागीय पत्र नहीं आया है।
Web Title : Satna News – Garbage collection charge and water tax may increase in Satna.