Satna News : सीधी बस हादसे से पनबिजली प्रोजेक्ट ठप होने से एमपीपीजीसीएल को 69 घंटों में 1.47 करोड़ का हुआ नुक़सान

Satna News (Sidhi Bus Accident) – सीधी में हुए बस हादसे का नुक़सान पनबिजली प्रोजेक्ट चलाने वाली कंपनी एमपीपीजीसीएल को भी चुकाना पड़ा। पनबिजली प्रोजेक्ट ठप होने से सिर्फ़ 69 घंटों में नहीं बन पाई करोड़ 26 लाख 50 हजार यूनिट बिजली जिससे कंपनी को हुआ 1.47 करोड़ का नुक़सान।

बाणसागर की सीडब्ल्यूसी कैनाल में यात्रियों से भरी बस के गिरने से जहां 53 यात्रियों को जिंदगी हमेशा के लिए डूब गई, वहीं एमपीपीजीसीएल (एमपी पावर जनरेटिंग कंपनी ) को भी इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।

satna news sidhi bus accident mppgcl loss
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इस घटना के के कारण बचाव एवं राहत कार्यों के चलते मुख्य नहर में 69 घंटे तक ‘पानी की आपूर्ति बंद रही, इसी बजह कर पावर जनरेंटिंग कंपनी की सिरमौर स्थित टोंस परियोजना, सिलपरा और झिन्ना पनबिजली परियोजनाओं में बिजली का उत्पादन नही हो सका।

इसी वजह से ये तीनों हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से इस अवधि में 1 करोड़ 26 लाख 50 हज़ार यूनिट बिजली उत्पन्न नही कर पाए। जिसकी अनुमानित लागत 1 करोड़ 47 लाख 68 हज़ार 900 रुपए होती है।

टोंस परियोजना से उत्पन्न बिजली का बाज़ार मूल्य प्रति यूनिट 1.28 रुपए और अन्य दो परियोजनाओं ने उत्पन्न बिजली की कीमर पार्टी यूनिट 73 पैसा पड़ती है।

बिजली उत्पादन लगभग 69 घंटे बंद रहा, जिससे इस कंपनी को नुक़सान हुआ. नीचे देखे कंपनी का डेटा.

परियोजना का नामक्षमताअनुमानित उत्पादनअनुमानित लागत
टोंस परियोजना सिरमौर105 मेगावाट की 2 यूनिट कुल 210 मेगावाट10 लाख 62 हज़ार 500 यूनिट1 करोड़ 28 लाख 80 हज़ार रुपए
सिलपरा परियोजना15 मेगावाट की 2 यूनिट11 लाख 50 हज़ार यूनिट8 लाख 39 हज़ार 500 रुपए
झिन्ना परियोजना10.10 मेगावाट की 2 यूनिट14 लाख 37 हज़ार 500 यूनिट10 लाख 49 हज़ार 375 रुपए

इस तरह इन तीनों परियोजनाओं से कुल अनुमानित उत्पादन और और क़ीमत का घाटा नीचे दिया गया है

कुल अनुमानित उत्पादन : 1 करोड़ 26 लाख 50 हज़ार यूनिट
कुल अनुमानित क़ीमत : 1 करोड़ 47 लाख 68 हज़ार 875 रुपए

मेन कैनाल को फिर से बंद कर दिया गया है

4 दिन के अंदर NDRF, SDERF और Home Guard के सर्च ऑपरेशन के दौरान नहर से 53 यात्रियों के शव निकाले जा चुके हैं। लेकिन 1 यात्री की अभी तलाश की जा रही है। इसके लिए सीधी के कलेक्टर आरके चौधरी के अनुरोध पर नहर में पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है।

रेस्क्यू में बाधा के कारण 16 फरवरी को सुबह 9 बजे नहर के झिन्त्रा गेट बंद कर दिए गए थे। तमाम कोशिशों के बाद भी जब 3 लापता यात्रियों का सुराग नहीं मिला तो शुक्रवार को सुबह 5 बजे नहर में एक बार फिर से 90 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया।

एक अन्य लापता यात्री की तलाश के लिए शुक्रवार को ही शाम सवा 5 बजे के बाद एक बार फिर से नहर में पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है।

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