Satna News (सतना समाचार) : देश की पंचायतों को इंटरनेट सर्विस से जोड़ने के प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को क्या यहाँ के भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के कुछ जिम्मेदार अफसर ही पलीता लगा रहे हैं? क्या ठेकेदार को उपकृत करने के लिए प्रोजेक्ट की सर्वे रिपोर्ट ही बदल दी गई है? इस संबंध में बीएसएनएल के भोपाल स्थित महाप्रबंधक कार्यालय से की गई शिकायत से यहां यह सवाल उठे हैं। आरोप है कि जिले के आदिवासी बहुल्य मझगवां क्षेत्र के चित्रकूट, पिंडरा, कैलाशपुर और हिरौंदी में भूमिगत फाइबर केबिल बिछाने के लिए तय मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है।

नियमों के तहत साढ़े 5 फीट की गहराई में ही फाइबर केबिल डाली जानी चाहिए ताकि यह केबिल बाहर नहीं आने पाए, लेकिन आरोप है कि ऐसा नहीं किया जा रहा है। मझगवां क्षेत्र के जंगलों में महज 2 फिट गहरी नालियों पर फाइबर केबिल बिछाए जा रहे हैं। शिकायत में कहा गया है कि ठेकेदार को उपकृत करने के लिए बीएसएनएल के संबंधित अधिकारियों ने सर्वे रिपोर्ट भी बदल दी है।
कागजों में बढाया गया रुट
आरोप यह भी है कि ग्राम पंचायतों को इंटरनेट सर्विस से जोडने के इस काम में अगर अंडर ग्राउंड केबिल सिर्फ 10 किलोमीटर पर बिछाई गई है तो कागजी जालसाजी कर इस रुट को 10 की जगह 11 या 12 किलोमीटर दर्शा कर भुगतान प्राप्त किए गए हैं। शिकायत में दावा किया गया है कि अगर उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच के तहत भौतिक सत्यापन करा लिया जाए तो सच अपने आप सामने आ जाएगा।
मिट्टी-मुरुम हो गई रॉक
पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के लिए कई नायाब तरीके अपनाए जाने का भी आरोप है। मसलन बदली गई सर्वे रिपोर्ट में मिट्टी को मुरुम और मुरुम को रॉक और रॉक को हार्ड रॉक बना दिया गया है। असल में मिट्टी का कम और पत्थर फंसने का ज्यादा मोल मिलता है। शिकायत के अनुसार पंचायतों की इंटरनेट सर्विस की गुणवत्ता के बजाय अफसरों का ज्यादा ध्यान ठेकेदारों की जेब भरने में है। मेंटीनैंस का काम भी एक अन्य ठेकेदार को दिया गया है।
Web Title : Scam in BharatNet Scheme (Scam in government scheme to connect panchayats to internet) – Satna Crime News,