DBT News Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार ने अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबें देने की बजाय उसके लिए पैसा सीधे उनके अकाउंट में देने की योजना बना चुकी है। अभी तक पूरे देश में सरकारी स्कूल के बच्चों को किताबें दी जाती थी, लेकिन धीरे धीरे DBT योजना का असर यहाँ भी दिखाई देने लगा है।
सरकारी स्कूल में बच्चों को किताब देने की बजाय DBT Scheme से पैसा देने की यह सुविधा पहली बार किसी राज्य ने शुरू की है। उत्तराखंड सरकार ने अब फ़ाइनल डिसिज़न ले लिया है।

आगे के सभी सत्र के लिए बच्चों को किताबें देने की बजाए उनके अकाउंट में पैसा दिया जाएगा। एक तरह से पैसा देना सही भी है, क्योंकि किताबें देने में कई ख़र्च और जुड़ जातें हैं जिन्हें सरकार को उठाना पड़ता है जैसे कि ट्रांसपोर्ट, रख-रखाव इत्यादि। इसके बाद भी सत्र शुरू होने के कई महीने बाद तक बच्चों को किताबें नही मिल पति थी।
DBT योजना लागू होने के बाद सभी बच्चे स्कूल शुरू होते ही किताबें ख़रीद सकते हैं। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में क़रीब 8 लाख छात्र-छात्रायें पढ़ रहे हैं। अब इन सबको किताबों के पैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(DBT) से दिए जाएँगे।
इस योजना में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के सभी छात्रों को पैसा देने की सुविधा दी जाएगी, जबकि 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के केवल SC/ST छात्रों को किताबों के लिए पैसे दिए जाएंगे।
अगर उत्तराखंड सरकार की यह पहल सही से लागू की जाती है, तो इसको देख कर दूसरे राज्य भी ऐसा करने के लिए उत्साहित होंगे।